5 Easy Facts About baglamukhi Described
प्रत्येक प्राणी स्वयं को अभिव्यक्त करना चाहता है। परिदृश्यमान जगत वस्तुत: मनुष्य की आत्माभिव्यक्ति का ही एक साधन मात्र है और इस आत्म
प्रत्येक प्राणी स्वयं को अभिव्यक्त करना चाहता है। परिदृश्यमान जगत वस्तुत: मनुष्य की आत्माभिव्यक्ति का ही एक साधन मात्र है और इस आत्म
लिखित्वा हृदि तन्नाम तं ध्यात्वा प्रजपेन् मनुम्।माहेशी दक्षिणे पातु चामुण्डा राक्षसेऽवतु।रक्षां करोतु सर्वत्र गृहेऽरण्ये सदा